Saturday, 28 October 2017

बरसों बाद एक हसीन पल.😍😍

वैसे तो आज का दिन बहुत व्यस्त था लेकिन शाम ढलते-ढलते कुछ ऐसा हुआ कि सारी थकान पल भर में काफूर हो गई..
यकीनन आपके मन में एक छोटा सा सवाल तो आ रहा होगा कि हुआ क्या था, चलो अब सीधा पॉइंट पर आते हैं...

उम्मीद तो नहीं थी कि उनसे कभी मिलना होगा लेकिन एक अकस्मात मुलाकात ने फिर पुराने दिनों को, पुरानी यादों को, पुरानी बातों को आंखों के सामने पलभर में ला दिया। कुछ बदले बदले से लग रहे थे वो,पर चेहरे का नूर आज भी वही था, एक पल के लिए लगा कि मानो वक्त ठहर सा गया हो इस ठहरे हुए वक्त में हमने उनका दीदार किया लेकिन किसी अनहोनी की वजह से हमने अपनी निगाहों को कुछ ही पलों में विराम दे दिया..
 बातें कुछ भी नहीं हुई....
उनके चेहरे का दीदार और उनके हाथों की चाय यह दो ही दुनिया की वो नायाब चीज है जो मेरी थकान को पलभर में दूर कर देती है और आज मुझे यह दोनों फिर से मिल गए,
मेरे खोयी हुयी दिल की रंगत और चेहरे का नूर फिर से लौट आया।
चाहता था उनको जी भर के देखता रहूं..पर ना मेरे पास इतना वक्त था ना ऐसा आलम.....
उनके चेहरे का नूर और चाय का गिलास आज फिर मेरी यादों के पन्नों में कैद हो गए....
Miss You.

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